रमज़ान के मुबारक महीने में नमाज़ ए इशा के बाद वितरों से पेहले दो(२)-दो(२) रकअत की नीयत से बीस(२०) रकाअत तराविह की सुन्नत नमाज़ पढ़ी जातीहै ये नमाज़ जमाअत के साथ पढ़ना अफज़ल है। तरावीहमें हर चार(४) रकअत के बाद तीन(३)-तीन(३) मर्तबा निचे दी गए तस्बीह पढ़े ।
पहली चार(४) रकअत के बाद ये तस्बीह तीन बार पढ़े (४ रकअत)
अश्हदो अल्लाइलाहा इल्लल्लाहो वहदहु लाशरीकलहु व अश्हदो अन्ना मुहम्मदन अब्दोहु व रसूलुह
दूसरी चार(४) रकअत के बाद ये तस्बीह तीन बार पढ़े (८ रकअत)
अल्लाहुम्मा सल्लेअला सैयदना मुहम्मदिंव व अला आले सैयदना मुहम्मदिंव व असहाबेहि व बारीक़ व सल्लीम
तीसरी चार(४) रकअत के बाद ये तस्बीह तीन बार पढ़े (१२ रकअत)
सुब्हानल्लाहे वल्हम्दोलिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहो वल्लाहो अकबर वला हव्वला वला कुव्वता इल्ला बिल्ला हिल अलिय्यिल अजीम
चौथी चार(४) रकअत के बाद ये तस्बीह तीन बार पढ़े (१६ रकअत)
सुब्हानअल्लाहे वबे हम्देही सुब्हानअल्लाहिल अलिय्यिल अजीम वबे हम्देही अस्तग़फेरुल्लाह अस्तग़फेरुल्लाह रब्बी मीन कुल्ले ज़म्बिंव्व खती अतिव्वं अतुबो एलैह
पांचवी चार(४) रकअत के बाद ये तस्बीह तीन बार पढ़े (२० रकअत)
अस्तग़फेरुल्लाह अस्तग़फेरुल्लाह हिल्लज़ी ला इलाहा इल्ला होवल हैयुल-कैयुम गफ्फरूज़-जोनूब सत्तारुल ओयूब अल्लामुल गोयूब कश्शाकुल कोलुब या मोकल्लेबल कोलुब वल अबसरे व अतुबो एलैह